Jcert Class 7 हमारी विरासत Chapter 2: नये राजा और राज्य Solutions

अध्याय – 2 : नये राजा और राज्य

1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

(क) राष्ट्रकूट वंश का संस्थापक ........... था।
उ. दंतीदुर्ग

(ख) पालवंश ........... धर्म के अनुयायी थे।
उ. बौद्ध

(ग) चोल वंश का संस्थापक ............ था।
उ. विजयालय

(घ) राजा महेन्द्रपाल के शिलालेख झारखंड के ............. जिले से प्राप्त हुई हैं।
उ. चतरा

(ङ) चोलकाल में मंदिरों का निर्माण ............ शैली में किया गया था।
उ. द्रविड़

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

(क) कौन-कौन से राजवंश त्रिपक्षीय संघर्ष में शामिल थे।
उ. राष्ट्रकूट, पाल और गुर्जर-प्रतिहार त्रिपक्षीय संघर्ष में शामिल थे।

(ख) विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना किसने और क्यों की?
उ. विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना धर्मपाल ने की थी और यह बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केन्द्र था।

(ग) राष्ट्रकूट कैसे शक्तिशाली बनें?
उ. राष्ट्रकूट चालुक्यों के सामन्त थे, परंतु उनकी कमजोरी का लाभ उठाकर उन्होंने अपनी स्वतंत्र सत्ता स्थापित कर ली। दंतीदुर्ग ने राष्ट्रकूट वंश की स्थापना की। उसने मान्यखेत को अपनी राजधान बनायी। उसने महाराजाधिराज, प्रमेश्वर, भट्टारक जैसी उपाधियाँ धारण की। कैलाशनाथ मंदिर, एलोरा और एलिफंटा की गुफाओं का निर्माण राष्ट्रकूटों ने ही करवाया था।

(घ) सामंत किसे कहा जाता था?
उ. राजा बड़े जमींदार व कुछ प्रमुख सैन्य प्रमुखों को कुछ राजनीतिक अधिकार भी प्रदान कर देते थे। उन्हें सामंत कहा जाता था। ये सामंत राजा को शासन चलाने में मदद करते थे। ये जनता से कर वसूलते थे। इनके पास छोटी सेना भी होती थी जिससे वे राजा को युद्ध के समय सैन्य सहायता प्रदान करते थे।

(ङ) चोल साम्राज्य के स्थानीय स्वशासन की क्या विशेषता थी?
उ. चोल साम्राज्य के स्थानीय स्वशासन की प्रणाली अनूठी थी। अन्य किसी भी भारतीय राज्य में ऐसी व्यवस्था देखने को नहीं मिलती है। चोल शासकों की स्थानीय प्रशासन व्यवस्था को वारियम कहा जाता था। यह व्यवस्था समिति प्रणाली पर आधारित थी। चोल अभिलेखों में तीन प्रकार के ग्राम सभाओं का उल्लेख मिलता है। ये हैं- "उर, सभा व नगरम">

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