Jcert Class 7 हमारी विरासत Chapter 5: शासक और इमारतें Solutions

अध्याय - 5 : शासक और इमारतें

1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(क) लिंगराज मंदिर ................ में स्थित है।
उ. ओडिशा

(ख) सूर्य मंदिर का निर्माण ................... ने करवाया था।
उ.   नरसिंह देव प्रथम

(ग) कुतुबमीनार का निर्माण ....... की याद में कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था।
उ.   चिश्ती सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी

(घ) सल्तनत काल की पहली मस्जिद ................ थी।
उ.   कुव्वत-उल-इस्लाम

(ङ) अलाई दरवाजा का निर्माण ................ ने करवाया था।
उ.   अलाउद्दीन खिलजी

(च) हुमायूँ के मकबरे का निर्माण ................. ने करवाया था।
उ.   हमीदा बानो बेगम

(छ) ताजमहल का स्थापत्यकार ............... था।
उ.   उस्ताद अहमद लाहौरी

2. धार्मिक इमारत एवं धर्मनिरपेक्ष इमारत से आप क्या समझते हैं?
उ. धार्मिक इमारत - धार्मिक इमारतों में मंदिर, मस्जिद, मकबरा इत्यादि आता है। इन्हें धार्मिक इमारत इस वजह से कहते हैं, क्योंकि इनका संबंध किसी-न-किसी धर्म से होता है।

धर्मनिरपेक्ष इमारत - धर्मनिरपेक्ष इमारतों में किले, महल, हवेली इत्यादि आता है। इन्हें धर्मनिरपेक्ष इमारत इस वजह से कहते हैं, क्योंकि इनका संबंध किसी भी धर्म से नहीं होता है। इन स्मारकों द्वारा हमें प्रोद्योगिकी, कौशल एवं तकनीकी का ज्ञान होता है।

3. गोपुरम क्या होता है?
उ. राष्ट्रकूट राजा कृष्ण प्रथम द्वारा महाराष्ट्र के एलोरा में निर्मित कैलाश मंदिर आठवी शताब्दी के भव्य मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण एक ही पत्थर को तराश कर किया गया है। मंदिर में घुसने के लिए एक बड़ा रास्ता है, जिसे गोपुरम कहते हैं।

4. सल्तनतकालीन स्थापत्य कला की क्या विशेषता थी?
उ. सल्तनतकालीन स्थापत्य कला की निम्नलिखित विशेषता थीः

  1. सल्तनतकालीन में निर्मित किला, मकबरा, महल, मस्जिद एवं मीनारों में नुकीले मेहराब-गुंबदों तथा संकरी एवं ऊँची मीनारों का प्रयोग हुआ है।
  2. भारतीय एवं ईरानी शैली का प्रयोग निर्माण कार्य में किया गया।
  3. सल्तनत काल में सुल्तानों, अमीरों एवं सूफी संतो के स्मरणों में मकबरों का निर्माण की शुरुआत हुई।
  4. इमारतों की मजबूती के लिए पत्थर, कंक्रीट एवं अच्छे किस्म के चूने का प्रयोग किया गया।

5. मुगलकालीन स्थापत्य कला की प्रमुख विशेषता क्या थी?
उ. मुगलकालीन स्थापत्य कला की प्रमुख विशेषता निम्नलिखित थीः

  1. मुगलकाल में पहली बार आकार एवं डिजाइन की विविधता का प्रयोग किया गया।
  2. निर्माण सामग्री में पत्थर के अलावा पलस्तर एवं गचकारी का प्रयोग।
  3. पित्रादुरा का प्रयोग - सजावट के क्षेत्र में संगमरमर पर जवाहरात से की गई सजावट।
  4. बागों को गुंबदों के आसपास विकसित किया गया।
  5. सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर का प्रयोग।

6. पित्रादुरा शैली से आप क्या समझते हैं?
उ. पित्रादुरा एक वास्तु शैली थी जिसका प्रयोग शाहजहाँ के शासनकाल में बनी इमारतों में धड़ल्ले से हुआ। इस शैली के अंतर्गत उत्कीर्णित संगमरमर अथवा बलुआ पत्थर पर रंगीन, ठोस पत्थरों को दबाकर सुंदर तथा अलंकृत नमुने बनाए जाते थे।

7. ताजमहल के निर्माण में कितने वर्ष लगे? इतना समय क्यों लगा?
उ. ताजमहल के निर्माण में 22 वर्ष लगे। इसके निर्माण में इतना समय इसलिए लगा क्योंकि इसके निर्माण में सहायता के लिए बगदाद तथा शिराज से हस्तकला विशेषज्ञ, गुंबद निर्माण कला के लिए कुस्तुनतुनिया से, फूल-पत्ती की खुदाई हेतु बुखारा से, शिखर निर्माण एवं बाग बगीचा निर्माण के लिए समरकंद से कुशल विशेषज्ञों को बुलाकर ताजमहल का निर्माण कार्य पूरा करवाया गया था।

8. हुमायूँ स्थापत्य कला के विकास पर ध्यान क्यों नहीं दे पाया था?
उ. हुमायूँ का अधिकांश समय अपने खोये हुए साम्राज्य को पाने की कोशिशों में बीता। अतः वह स्थापत्य कला के विकास पर ज्यादा समय नहीं दे पाया। उसने फतेहाबाद (हिसार) में फारस शैली में एक मस्जिद का निर्माण कराया।

9. ताजमहल में मकराने का संगमरमर का ही प्रयोग क्यों किया गया?
उ. ताजमहल में मकराने का संगमरमर का ही प्रयोग इसलिए किया गया क्योंकि इस संगमरमर से हस्तकला निर्माण, फूल-पत्ती की खुदाई, शिखर निर्माण, सुंदर सजावट का काम अच्छी तरह से किया जा सकता है। यह संगमरमर जोधपुर के 'मकराना' नामक स्थान से मिलता है।

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