Jcert Class 8 भाषा मंजरी Chapter 12 बस की यात्रा Solutions

अध्याय - 12 : बस की यात्रा

1. लेखक ने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ श्रद्धाभाव से क्यों देखा?
उ. एक पुलिया के ऊपर पहुँचते ही बस का एक टायर फिस्स करके बैठ गया। बस बहुत जोर से हिलकर थम गई। अगर स्पीड में होती तो उछलकर नाले में गिर जाती। लेखक ने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा, क्योंकि वह टायरों की हालत जानते थे फिर भी जान हथेली पर लेकर उसी बस से सफर कर रहे थे।

2. लेखक को लोगों ने शाम वाली बस से सफर न करने की सलाह क्यों दी?
उ. लेखक को लोगों ने शाम वाली बस से सफर न करने की सलाह इसलिए दी क्योंकि

  • लोगों को बस की सच्चाई का पता था अर्थात वे उसकी जर्जर दशा से परिचित थे।
  • बस कब, कहाँ खराब हो जाए कुछ कहना मुश्किल था।
  • बस यात्री को गंतव्य तक ठीक से पहुँचा ही देगी, यह के मुश्किल था।

3. लेखक को ऐसा क्यों लगा कि सारी बस ही इंजन है, इंजन के भीतर बैठा है?
उ. असल में वह बस इतनी हिलती कॉपती थी जैसे इंजन स्टार्ट करने के बाद बेहद कम्पन करता है, उसी प्रकार बस भी कॉपती थी। इसलिए लेखक को लगा कि सारी बस इंजन ही इंजन हो गई हो और वह बस में न बैठकर इंजन में ही बैठ गया हो।

4. लेखक को तब हैरानी क्यों हुई जब कंपनी के हिस्सेदार ने बताया कि बस अभी अपने आप चलेगी?
उ. लेखक के अनुसार वह बस इतनी पुरानी थी कि धक्का मारने के बाद ही चल सकती थी। जब कंपनी के हिस्सेदार ने कहा कि बस अपने आप चलती है। आप अभी देख लें, तब लेखक को आश्चर्य हुआ।

5. लेखक हर पेड़ को दुश्मन क्यों समझ रहा था?
उ. वह बस बहुत ही पुरानी और जर्जर स्थिति में थी। इस कारण लेखक को उसके किसी भी हिस्से पर भरोसा नहीं था। कभी भी उसका ब्रेक फेल हो सकता था या स्टीयरिंग टूट सकता थी। प्रकृति के दृश्य बहुत लुभावने थे सड़क के दोनों तरफ हरे-भरे पेड़ थे जिन पर पक्षी बैठे थे। अगर बस का ब्रेक फेल हो जाता या स्टीयरिंग टूट जाती तो ऐसे में वह बस उन पेड़ों से टकरा जाती। इसलिए लेखक हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।

Comments