Jcert Class 8 भाषा मंजरी Chapter 15 गुरु-शिष्य Solutions

अध्याय - 15 : गुरु-शिष्य 

1. 'गुरु-शिष्य' पाठ में विद्यार्थी की जो वेश-भूषा है, उससे उस विद्यार्थी के बारे में क्या परिलक्षित होता है ?
उ. विद्यार्थी की वेश भूषा से प्रतीत होता है कि वह गाँव देहात-का बालक है, जिसकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है।

2. काशी विश्वविद्यालय का वर्णन अपने शब्दों में करें।
उ. काशी विश्वविद्यालय विस्तृत क्षेत्र में फैला है, उसका निर्माण सुनियोजित ढंग से किया गया है। सड़कों के किनारे छायादार वृक्ष लगे हुए हैं, जिनसे सड़कों पर धूप नहीं लगती। सड़क के बाईं ओर महिला विद्यालय है, तो दाईं ओर सटे सुंदरलाल अस्पताल विराजमान है। ग्रामीण स्त्रियाँ कहीं घास काटती दिखती है, तो कहीं खेतों में काम करते। कहीं पर उनके संगीत से वातावरण गुंजायमान हो रहा है तो कहीं हंसीठट्ठा अथवा झगड़ा। कुल मिलाकर समस्त क्षेत्र अत्यंत आकर्षक दिखाई पड़ता है।

3. लेखक ने बनारस के आस-पास की ग्रामीण औरतों का चित्रण किस प्रकार किया है ? वहाँ के परिवेश और आपके परिवेश में क्या अंतर है ?
उ. लेखक ने बनारस के आसपास की ग्रामीण औरतों का चित्रण निम्नांकित प्रकार से किया है- बनारस के आसपास की ग्रामीण औरतें लाल कत्थई रंग की सड़ियाँ बहुत पहनती हैं। वे घास - काटतीं, घास का गट्ठर सर पर रखे, सड़क के किनारे काम करती हुईं अकसर दिखलाई पड़तीं। ग्रामीण औरतें जब साथसाथ चलती हैं तब चुप नहीं रहतीं। या तो गाती हैं-, या बात करती हैं, हँसीठट्ठा करती हैं-, या फिर झगड़ा करती हैं। बनारस की बोली, वहाँ के लोकगीत कैसे हैं, यह लिखकर नहीं बताया जा सकता। मैंने उन औरतों की बोली सुनी या गीत सुना तो मुझे वह प्रकृतिका ही कोई व्यवहार लगा।
        हमलोगों के परिवेश में रहनेवाले लोगों का जीवन व्यस्त है हमें धन, शक्ति और अच्छी सामाजिक स्थिति प्राप्त करने के अपने सपनों का पीछा करना प्रिय है। जीवन में नईनई - समस्याओं से जूझना पड़ता है।

4. लेखक फर्श पर ही क्यों बैठ गया ?
उ. सुप्रसिद्ध विद्वान आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के प्रति कुछ सम्मान भावना, कुछ संभ्रम के कारण लेखक सीमेंट के बने आसनों पर न बैठकर फर्श पर ही बैठ गया|

5. लेखक कानपुर से शर्म के मारे क्यों भाग आया था ?
उ. वी० एस० एड० डी० कॉलेज, कानपुर के अध्यापक लेखक से यह आशा करते थे कि वह टॉप करेगा लेकिन लेखक को प्रथम श्रेणी से भी तीन अंक कम आए । इस कारण वह शर्म के मारे कानपुर से बनारस भाग आया था।

Comments