Jcert Class 8 भाषा मंजरी Chapter 5 बड़े भाई साहब Solutions

अध्याय - 5 : बड़े भाई साहब

1. लेखक के बड़े भाई अपने दिमाग को आराम देने के लिए क्या-क्या करते थे?
उ. लेखक के बड़े भाई अपने दिमाग को आराम देने के लिए कभी कॉपी पर, कभी किताब के हाशिए पर चिड़ियों, कुत्तों, बिल्लियों की तस्वीरें बनाया करते थे। कभी-कभी एक ही नाम या शब्द या वाक्य को दस-बीस बार लिख डालते। कभी एक शेर को बार-बार सुन्दर अक्षरों से नकल करते। कभी ऐसी शब्द-रचना करते, जिसमें न कोई अर्थ होता, न कोई सामंजस्य ।

2. लेखक के भाई ने लेखक के सामने पढ़ाई का कैसा चित्र खींचा?
उ. लेखक के भाई ने लेखक के सामने पढ़ाई का ऐसा भयंकर चित्र खींचा, जिसने लेखक को भयभीत कर दिया। वह घर भागते-भागते बचा।

3. 'समझ, किताबें पढ़ने से नहीं आती, दुनिया देखने से आती है।'- इस कथन को किसी एक उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए।
उ. बड़े भाई साहब एक स्थान पर उदाहरण देते हैं कि उनके हेडमास्टर साहब हैं जो ऑक्सफोर्ड से एम. ए. हैं लेकिन जब तक स्वयं घर चलाते थे एक हजार रुपये भी कम पड़ जाते थे। लेकिन जब उनकी सामान्य समझ रखने वाली बूढ़ी माँ घर का प्रबंध करने लगी तो जैसे घर में लक्ष्मी आ गई है। वह बखूबी एक हजार में घर चलाकर घर को धन्य-धान्य से पूर्ण कर रही हैं। घर में अब किसी चीज की कमी नहीं रह गई। इस तरह कहा जा सकता है कि ‘समझ, किताबें पढ़ने से नहीं आती, दुनिया देखने से आती है।'

4. लेखक के बड़े भाई ने परीक्षा में सफलता के लिए क्या-क्या किया? आप परीक्षा की तैयारी किस प्रकार करते हैं?
उ. लेखक के बड़े भाई स्वभाव से अध्ययनशील थे। वे परीक्षा में सफलता के लिए कड़ी मेहलत किया करते थे। आसपास में होनेवाले मेले-तमाशे कभी देखने नहीं जाते थे। हॉकी-क्रिकेट आदि के मैच कभी नहीं देखते थे, हमेशा किताब खोलकर बैठे रहते थे ताकि परीक्षा में सफल हो सके।

5. 'बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पाएदार बने!'- इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
उ. 'बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पाएदार बने!'- इस पंक्ति का भाव यह है कि लेखक के बड़े भाई साहब तालीम जैसे महत्व के मामले में जल्दीबाजी से काम लेना पसंद नहीं करते थे। पढाई रूपी भवन की बुनियाद खूब मजबूत डालना चाहते थे, जिसपर आलीशान महल बन सके। इसलिए एक साल की पढ़ाई का काम दो साल में करते थे। कभी-कभी एक ही कक्षा में तीन साल भी लग जाते थे।

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