Jcert Class 8 आधुनिक भारत Chapter 5: शिल्प और उद्योग Solutions
अध्याय – 5 : शिल्प और उद्योग
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
(क) सूरत बंदरगाह ................. राज्य में स्थित है।
उ. गुजरात
(ख) टाटा स्टील कंपनी की स्थापना .................... में हुई थी।
उ. 1907 ई.
(ग) पुर्तगाली भारत में सबसे पहले ................ पहुँचे।
उ. कालीकट
(घ) जामदानी एक तरह का .................. होता है।
उ. बारीक मलमल
2. निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।
(क) बुनकरों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?
उ. इंग्लैंड में बने सूती कपड़ों ने 19वीं सदी की शुरुआत तक भारतीय कपड़ों को अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के परंपरागत बाजारों से बाहर कर दिया था। इसकी वजह से भारत के हजारों बुनकर बेरोजगार हो गए। सबसे बड़ी मार बंगाल के बुनकरों पर पड़ी। ब्रिटिश और यूरोपीय कंपनियों ने भारतीय माल खरीदना बंद कर दिए। इन एजेंटों ने तयशुदा आपूर्ति के लिए बुनकरों को पेशगी देना बंद कर दिया था।
(ख) काश्तकारों को स्थायी रूप से अंग्रेज क्यों बसाना चाहते थे?
उ. काश्तकारों से अंग्रेजों को काफी परेशानी थी जो यहाँ-वहाँ भटकते रहते थे और एक जगह ठहरकर नहीं रहते थे। अंग्रेज चाहते थे कि आदिवासियों के समूह एक जगह स्थाई रूप से रहे और खेती करे। स्थाई रूप से एक जगह रहने वाले किसानों को नियंत्रित करना आसान था। अंग्रेज अपने शासन के लिए आमदनी का नियंत्रित स्रोत चाहते थे। फलस्वरूप उन्होंने जमीन के बारे में कुछ नियम लागू कर दिए। उन्होंने जमीन को मापकर प्रत्येक व्यक्ति का हिस्सा तय कर दिया कि किसे कितना लगान देना होगा।
(ग) ब्रिटेन में सूती कपड़ा उद्योग के विकास से भारतीय कपड़ा उद्योग उत्पादन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उ. ब्रिटेन में सूती कपड़ा उद्योग के विकास से भारतीय कपड़ा उद्योग के उत्पादन पर क्या प्रभाव पड़ाः
- अब भारतीय कपड़ों को यूरोप और अमेरिका के बाजारों में ब्रिटिश उद्योगों में बने कपड़ों से मुकाबला करना पड़ता था।
- भारत से इंग्लैंड को कपड़े का निर्यात मुश्किल हो जाता था, क्योंकि ब्रिटिश सरकार ने भारत से आने वाले कपड़ों पर भारी शुल्क थोप दिए थे।
- यहाँ के हजारों बुनकर बेरोजगार हो गए।
- विदेशी बाजारों से भारतीय कपड़ों को बाहर कर दिया था।
- उनके एजेंटों द्वारा अब पेशगी देना बंद कर दिया गया था।
(घ) वुट्ज स्टील बेहतर क्यों माना जाता था?
उ. टीपू सुल्तान की तलवार की धार इतनी सख्त और पैनी थी कि दुश्मन के लौह कवच की भी आसानी से चीर सकती थी। इस तलवार में यह विशेषता कार्बन की अधिक मात्रा वाली वुज नामक स्टील के कारण पैदा हुई थी जो पूरे दक्षिण भारत में बनाया जाता था। इसकी यह बनावट लोहे मे गड़े कार्बन के बेहद सूक्ष्म कणों से पैदा होती थी। इन्हीं विशेषताओं के कारण वुट्ज स्टील को बेहतर माना जाता था।
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