Ncert Class 9 भूगोल Chapter 2: भारत का भौतिक स्वरुप Solutions

पाठ – 2 : भारत का भौतिक स्वरूप

1. निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।

(i) एक स्थलीय भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो
        (क) तट
        (ख) प्रायद्वीप
        (ग) द्वीप
        (घ) इनमें से कोई नहीं

उ. (ख) प्रायद्वीप

(ii) भारत के पूर्वी भाग में म्यांमार की सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त नाम
        (क) हिमाचल
        (ख) पूर्वांचल
        (ग) उत्तराखण्ड
        (घ) इनमें से कोई नही

उ. (ख) पूर्वांचल

(iii) गोवा के दक्षिण में स्थित पश्चिम तटीय पट्टी
        (क) कोरोमंडल
        (ख) कन्नड
        (ग) कोंकण
        (घ) उत्तरी सरकार

उ. (ख) कन्नड

(iv) पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर
        (क) अनाईमुडी
        (ख) महेंद्रगिरि
        (ग) कंचनजुंगा
        (घ) खासी

उ. (ख) महेंद्रगिरि

2. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दीजिए

(i) 'भाबर' क्या है?
उ. भाबर मैदान का वह भाग है जहाँ नदियाँ पर्वतों से नीचे उतरते समय शिवालिक की तलहटी में अपने साथ लाए कंकड़, बजरी तथा रेत का निक्षेपण करती है।

(ii) हिमालय के तीन प्रमुख विभागों के नाम उत्तर से दक्षिण के क्रम में बताइए?
उ. उत्तर से दक्षिण के क्रम में हिमालय के तीन प्रमुख विभाग निम्नलिखित हैं:

  1. महान हिमालय या आंतरिक हिमालय या हिमाद्रि
  2. मध्य हिमालय या हिमाचल
  3. बाह्य हिमालय या शिवालिक

(iii) अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियों में कौन-सा पठार स्थित है?
उ. मालवा का पठार

(iv) भारत के उन द्वीपों के नाम बताइए जो प्रवाल भित्ति के हैं।
उ. लकादीव, मीनीकाय तथा एमीनदीव प्रवाल भित्ति के हैं। 1973 में इनका संयुक्त नाम लक्षद्वीप रखा गया।

3. निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए

(i) बांगर और खादर
उ. बांगर और खादर में निम्नलिखित अंतर है:

बांगरखादर
1) ये पुरानी जलोढ़ मिट्टी वाली मैदानी पट्टी है। 1) ये नई जलोढ़ मिट्टी वाली पट्टी है।
2) इसमें कंकड़ होते हैं।2) इसमें महीन मिट्टी होती है।
3) यहाँ प्रायः बाढ़ का जल नहीं पहुँच पाता। 3) यहाँ लगभग प्रतिवर्ष बाढ़ का पानी पहुँचता है।
4) यह कम उपजाऊ है।4) यह अधिक उपजाऊ है।

(ii) पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट
उ. पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट में निम्नलिखित अंतर है:

पूर्वी घाटपश्चिमी घाट
1) यह दक्षिणी पठार के पूर्वी सिरे पर है।1) यह दक्षिणी पठार के पश्चिमी सिरे पर
2) इनका विस्तार महानदी घाटी से दक्षिण में नीलगिरी तक है। 2) इनका विस्तार ताप्ती नदी के मुहाने से कन्याकुमारी तक है।
3) इनका विस्तार सतत् नहीं है। ये टूटी हुई पहाडियों की श्रृंखला है। 3) इनका विस्तार सतत् है। थालघाट, भोरघाट तथा पालघाट दरों से इसे पार किया जाता है।
4) इनकी औसत ऊँचाई 600 मीटर है।4) इनकी औसत ऊँचाई 900 से 1600 मीटर है।
5) इसका सबसे ऊंचा शिखर महेन्द्रगिरी है जो 1500 मीटर ऊँची है। 5) इसका सबसे ऊंचा शिखर अनाईमुडी है जो 2695 मीटर ऊँची है।

4. भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन से हैं? हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अंतर है?
उ. भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग हिमालय पर्वत श्रृंखला, उत्तरी मैदान, प्रायद्वीपीय पठार, भारतीय मरूस्थल, तटीय मैदान और द्वीपीय समूह है।

हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप पठार के उच्चावच लक्षणों में निम्नलिखित अंतर है:

हिमालय क्षेत्रप्रायद्वीप पठार
1) यह नवीन वलित पर्वतीय क्षेत्र है।1) ये प्राचीन छोटी पहाडियों वाला उत्खंड है।
2) इसका विस्तार चाप के आकार में उत्तर- पश्चिम में जम्मू और कश्मीर से लेकर पूर्व में अरुणाचल प्रदेश तक है।2) यह त्रिभुजाकार है जिसका शीर्ष कन्याकुमारी में है। यह उत्तरी मैदान के दक्षिण में है।
3) यह पर्वत श्रृंखला के रूप में है, जिसमें ऊँचे शिखर एवं गहरी घाटियाँ हैं।3) ये मेज के आकार का है, जिसमें चौड़ी तथा छिछली घाटियाँ एवं गोलाकार पहाड़ियाँ हैं।
4) यह कायांतरित तथा कमजोर अवसादी शैलों से बना है। 4) ये आग्नेय एवं कायांतरित शैलों से निर्मित हैं।
5) इसके तीन भाग हैं: हिमाद्रि, मध्य हिमालय तथा शिवालिक। 5) इसके दो मुख्य भाग हैं: मध्य उच्च भूमि तथा दक्कन का पठार।
6) यहाँ की नदियाँ अपनी युवावस्था में बहती हुई अनेक गॉर्ज, जलप्रपात और गहरी घाटियाँ बनाती हैं। 6) यहाँ की नदियाँ अपनी प्रौढ़ावस्था में हैं जहाँ अनेक भ्रंश घाटियाँ हैं।

5. भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन कीजिए।
उ. यह मैदान उत्तर में हिमालय पर्वत एवं दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार के बीच में स्थित हैं। इसकी लंबाई लगभग 2400 कि.मी. है। यह मैदान सिंधु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र एवं उनकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई जलोढ़ मृदा से बना है। लाखों वर्षों तक हिमालय के गिरिपाद में स्थित बहुत बड़ी द्रोणी में अवसादों के जमाव से इसका निर्माण हुआ है। इसका विस्तार 7 लाख वर्ग कि.मी. क्षेत्र में है। यह सघन जनसंख्या वाला भौगोलिक क्षेत्र है। उपजाऊ मृदा एवं अनुकूल जलवायु के कारण यह कृषि की दृष्टि से अत्यंत उपजाऊ क्षेत्र है। पश्चिम से पूर्व की ओर कमशः इसके तीन उपवर्ग हैं: पंजाब का मैदान, गंगा का मैदान और ब्रह्मपुत्र का मैदान।

6. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए

(i) मध्य हिमालय
उ. इसे हिमाचल या निम्न हिमालय भी कहते हैं। यह हिमाद्रि के दक्षिण में स्थित है। इसका निर्माण अत्यधिक संपीडित तथा परिवर्तित शैलों से हुआ है। इसकी ऊँचाई 3700 मी. से 4500 मी. के बीच तथा औसत चौड़ाई 50 कि.मी. है। पीरपंजाल, धौलाधर तथा महाभारत इसकी प्रमुख श्रृंखलाएँ हैं। इसी श्रृंखला में कश्मीर घाटी, कुल्लू घाटी, कांगड़ा घाटी जैसी सुंदर घाटियाँ हैं। धर्मशाला, डलहौजी, शिमला, मसूरी, नैनीताल आदि सुंदर पर्वतीय नगर इसी श्रेणी में स्थित है।

(ii) मध्य उच्च भूमि
उ.  यह प्रायद्वीपीय पठार का उत्तरी भाग है। इसका विस्तार दक्षिण में विंध्य श्रृंखला से उत्तर-पश्चिम में अरावली तक है। मालवा के पठार का अधिकतर भाग इसी में है। यह भाग पश्चिम में चौड़ा और पूर्व की ओर संकरा है। पश्चिम में यह धीरे-धीरे राजस्थान के बलुई तथा पथरीले मरुस्थल में मिल जाता है। इस क्षेत्र की प्रमुख नदियाँ चम्बल, सिंध, बेतवा तथा केन दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बहती हैं। बुंदेलखंड तथा बघेलखंड इस पठार के पूर्वी विस्तार हैं।

(iii) भारत के द्वीप समूह
उ. भारत में मुख्यतः दो द्वीप समूह हैं:

  1. लक्षदीप – ये मालाबार तट पर अरब सागर में स्थित हैं। पहले इसको लकादीव, मीनीकाय और एमीनदीव के नाम से जाना जाता था। 1973 में इनका नाम लक्षदीप रखा गया। इसका क्षेत्रफल 32 वर्ग कि.मी. है। यह द्वीप समूह प्रवाल का बना है। यह केंद्रशासित क्षेत्र है जिसकी राजधानी कवरत्ती है।
  2. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह – यह बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीपों की एक श्रृंखला है। ये उत्तर से दक्षिण दिशा में बिखरे हुए हैं। इसके मुख्यतः दो भाग हैं: उत्तर में अंडमान और दक्षिण में निकोबार। ये द्वीप समूह निमज्जित पर्वत श्रेणियों के शिखर हैं। यहाँ की जलवायु विषुवतीय है तथा यह घने जंगलों से आच्छादित है। यहाँ पाये जाने वाले पादप तथा जंतुओं में बहुत विविधता है। यह भी केंद्रशासित क्षेत्र है तथा इसकी राजाधानी पोर्टब्लेयर है।

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