Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 3 भिडंत Solutions

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By: Team, Chandan Kr Verma

अध्याय - 3 : भिडंत

1. मदारी ने कैसे समझ लिया कि बंदर ने केले खाए हैं? 
उ. मदारी ने समझ लिया कि बंदर ने केले खाए हैं क्योंकि बकरी यदि केले खाती तो वह छिलका भी खा जाती जबकि छिलके बकरी के सामने पड़े थे। बंदर ने केले खाकर छिलके बकरी के सामने फेंक दिए थे। 

2. पंडित बुद्धिनाथ के पढ़ाने का ढंग अनूठा था। क्या आप इस विचार से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी लिखिए।
उ. पंडित बुद्धिनाथ के पढ़ाने का ढंग अनूठा था। वे परंपरावादी ढंग से पाठ पढ़ाते थे और बच्चों से सिर्फ हाँ में हाँ मिलवाते थे जबकि उचित यह होता कि वे बच्चों को नए तरीके से सोचने का अवसर देते, उन्हें विचार अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता देते।

3. कोशल नरेश जिस रास्ते से जा रहे थे, उसी रास्ते से काशी नरेश आ रहे थे। उन दोनों के बीच कौन सी समस्या उत्पन्न हो गई?
उ. कोशल नरेश जिस रास्ते से जा रहे थे, उसी रास्ते से काशी नरेश आ रहे थे। उन दोनों के बीच यह समस्या उत्पन्न हो गई कि वह रास्ता संकरा था और दोनों राजा रथ पर थे, दोनों रथ एक साथ रास्ते से नहीं सकते थे, एक रुके तभी दूसरा निकल सकते थे। दोनों राजाओं में मान-सम्मान का प्रश्न था। कोई किसी से कम नहीं थे। अतः प्रश्न यहीं था कि कौन पहले जाए और कौन तब तक रुका रहे?

 4. कोशल नरेश ने अपना रथ पीछे क्यों कर लिया? 
उ. कोशल नरेश ने अपना रथ पीछे कर लिया क्योंकि उन्होंने काशी नरेश के सत्यवान, क्षमाशील और विनयशीलता जैसे गुणों को सुनकर उन गुणों को ग्रहण कर लिया। 

 5. गणेश का तर्क सुनकर हेडमास्टर साहब क्यों प्रसन्न हुए? 
उ. गणेश का तर्क सुनकर हेडमास्टर साहब इसलिए प्रसन्न हुए क्योंकि गणेश ने पंडितजी की कहानी को नए तरीके से सोचने और समझने का प्रयास किया था और तर्क पूर्ण उत्तर देकर पंडित बुद्धिनाथ जी को चुप करा दिया था।

6. 'बुद्धि न हाट बिकाय, बुद्धि न चोर चुराय ।' – इन पंक्तियों का भाव स्पष्ट करें। 
उ. प्रस्तुत पंक्तियों का भाव यह है कि संसार में बुद्धि ही एक ऐसी वस्तु है जिसे बाजार में बेचा नहीं जा सकता तथा वह ऐसी सम्पति है जिसे चोर चोरी करके नहीं ले जा सकता।

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