Jcert Class 8 भाषा मंजरी Chapter 1 पुष्प की अभिलाषा Solutions

अध्याय - 1 : पुष्प की अभिलाषा

1. 'पुष्प की अभिलाषा' कविता में पुष्प के द्वारा क्या अभिलाषा व्यक्त की गई है?
उ. 'पुष्प की अभिलाषा' कविता में पुष्प के द्वारा यह अभिलाषा व्यक्त की गई है कि उसे तोड़कर उस रास्ते पर बिछा दिया जाए जिस रास्ते से वीर देशभक्त अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने शीश को अर्पित करने जा रहे हों।

2. 'मातृभूमि' से आप क्या समझते हैं?
उ. 'मातृभूमि' का अर्थ है- अपना देश जिस में हमने जन्म लिया एवं जिसकी मिट्टी में हम पले बढ़े।

3. कविता में पुष्प किन-किन चीजों की चाह नहीं करता?
उ. 'पुष्प की अभिलाषा' कविता में पुष्प किसी सुन्दर स्त्री के गहनों में गूंथे जाने की, प्रेमी युगल के लिए माला बनने की, सम्राटों के मृत शरीर पर चढ़ने की एवं देवताओं की प्रतिमा पर चढ़कर अपने भाग्य पर इठलाने की चाह नहीं करता है।

4. 'मुझे तोड लेना वनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेंक।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक ।'
इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए |
उ. इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि पुष्प अपने मन की इच्छा व्यक्त करते हुए वनमाली से कहता है कि हे! वनमाली, तुम मुझे तोडकर उन रास्तों में बिछा देना जिन रास्तों पर वीर देशभक्त अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने शीश को अर्पित करने जा रहे हों।

5. देवों के सिर पर चढ़कर अपने भाग्य पर इठलाने से पुष्प क्यों बचना चाहता है?
उ. इस कविता में पुष्प ने मातृभूमि पर शीश चढ़ाने वाले वीरों को ही सर्वोच्च माना है। अतः वह देवों के शीश पर चढ़कर इठलाने से बचना चाहता है और स्वयं को उन राहों में समर्पित कर देना चाहता है, जिन राहों से वीर अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने आपको न्योछावर करने जा रहे हों।

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