Jcert Class 6 हमारा गौरव Chapter 5: जीवन की विभिन्न शैलियाँ Solutions
अध्याय – 5 : जीवन की विभिन्न शैलियाँ
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) संस्कृत ......... भाषा परिवार का हिस्सा है।
उ. भारोपीय
(ख) ऋग्वेद में गंगा नदी का जिक्र ................. बार हुआ है।
उ. एक
(ग) ऋग्वेद में ................. वर्णों का उल्लेख मिलता है।
उ. चार
(घ) मेगालिथ .............. के प्रमाण होते हैं।
उ. मृत्यु की स्मृति
(ङ) इनामगाँव ................ राज्य में है।
उ. महाराष्ट्र
2. निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही और कौन सा कथन गलत है
(क) ऋग्वेद में वर्णित वर्ण व्यवस्था जन्म के आधार पर थी।
उ. गलत
(ख) ऋग्वेद में 1028 सूक्त हैं।
उ. सही
(ग) ऋग्वेद काल के लोग चावल का सेवन करते थे।
उ. गलत
(घ) राजन का चुनाव सभा करती थी।
उ. गलत
(ङ) झारखंड में भी मेगालिथ मिले हैं।
उ. सही
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए।
(क) ऋग्वैदिक काल में बलि शब्द का प्रयोग किन अर्थों में होता था?
उ. ऋग्वैदिक काल में बलि शब्द का प्रयोग दो अर्थों में होता था – प्रथम यज्ञ में आहुति के लिए और दूसरा लोगों के द्वारा अपने राजा को उपहार में दिए गये धन के रूप में।
(ख) ऋग्वैदिक काल में राजा का प्रमुख कार्य क्या था?
उ. राजा का प्रमुख कार्य जन को सुरक्षा प्रदान करना तथा जन की सम्पत्तियों में वृद्धि करने के लिए यज्ञ का आयोजन करना था। आज की तरह उसके पास स्थायी सेना नहीं होती थी। युद्ध के दौरान एक नागरिक सेना का गठन किया जाता था, जिसका नेतृत्व राजन करता था। लड़ाइयाँ पुरुषों के द्वारा लड़ी जाती थी।
(ग) ऋग्वैदिक काल में यज्ञ क्यों करते थे?
उ. ऋग्वेद में अनेक देवताओं के नाम मिलते हैं, जो प्राकृतिक शक्तियों के प्रतीक होते थे। जिसमें वरुण, इन्द्र, अग्नि, यम तथा सोम प्रमुख थे। इसमें इन्द्र को सबसे प्रतापी देवता समझा जाता था। ऋग्वैदिक काल में लोग युद्धों में विजय, पशुओं एवं पुत्रों की प्राप्ति के लिए यज्ञ एवं ईश्वर की उपासना करते थे।
(घ) वेद कितने हैं? सबसे पुराना वेद कौन-सा है?
उ. वेद चार हैं- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। इनमें से ऋग्वेद सबसे पुराना वेद है, जिसकी रचना 1500 ई. पू. में हुई थी।
(ङ) सूक्त का क्या अर्थ है? ऋग्वेद में कितने सूक्त हैं?
उ. सूक्त का अर्थ 'अच्छी तरह बोला गया' है। एक सूक्त में कई ऋचाएँ (मंत्र) होती हैं। ऋग्वेद में 1028 सूक्त हैं।
(च) महापाषाण का क्या अर्थ है? भारत में महापाषाणिक स्थल कहाँ-कहाँ मिले हैं?
उ. महापाषाण का अर्थ है- बड़ा पत्थर । दक्कन, दक्षिण भारत, उत्तर पूर्वी भारत एवं कश्मीर में आज से करीब 3000 वर्ष पहले महापाषाण कब्र बनाने की प्रथा प्रचलित थी। ये पत्थर कब्र पर लोगों के द्वारा बड़े करीने से लगाए जाते थे, ताकि कब्र के स्थानों को चिन्हित किया जा सके। भारत में आदिचन्नलूर (तमिलनाडु), ब्रह्मगिरी (आन्ध्र प्रदेश) आदि महापाषाणिक पुरास्थल हैं। कुछ महापाषाण (मेगालिथ) जमीन के ऊपर और कुछ जमीन के अंदर होते हैं।
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