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Showing posts from January, 2016

Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 18 बाल दिवस Solutions

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Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 17 रवि का सुधार Solutions

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Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 16 खेती बारी के शिक्षक Solutions

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Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 15 सपने का सच Solutions

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Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 14 बसंती हवा Solutions

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Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 13 प्रेरणा के बीज Solutions

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We need some donation to sustain this website in running condition. Please support us so that we can upgrade more features and can provide free education continuously. By: Team, Chandan Kr Verma अध्याय 13 :  प्रेरणा के बीज पाठ से:  1. जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? उ.  जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें चार बातों का ध्यान रखना चाहिए - लक्ष्य बनाना चाहिए , ज्ञान प्राप्त करना चाहिए , कठिन परिश्रम करना चाहिए एवं दृढ़ता बनाए रखनी चाहिए। 2. डॉ.  कलाम बच्चों को स्वप्न देखने के लि ए क्यों कहते हैं ? उ.  कलाम स्वप्नद्रष्टा है। उनका मानना है कि स्वप्न ही विचार बनते हैं। विचार ही कर्म के रूप में हमारे सामने आते हैं। अगर स्वप्न होंगे तभी क्रांतिकारी विचार भी जन्म लेंगे। बिना विचारों के कर्म सामने नहीं आता है। 3. पाठ के आधार पर डॉ० कलाम के व्यक्तित्व की वि शेषताएं लिखिए। उ. कलाम   एक बहुआयामी   व्यक्तित्व   के धनी हैं। वेशभूषा , बोलचाल के लहजे , अच्छे खासे सरकारी आवास को छोड़कर हॉस्टल का सादगीपूर्ण जीवन , ये बातें उनके संपर

Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 12 धुन का धनी: महेंद्र सिंह धोनी Solutions

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We need some donation to sustain this website in running condition. Please support us so that we can upgrade more features and can provide free education continuously. By: Team, Chandan Kr Verma अध्याय - 12 : धुन का धनीः महेन्द्र सिंह धोनी 1. धोनी का जन्म कब और कहाँ हुआ था? उ. धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 ई को रोंची (झारखंड) में हुआ था। 2 धोनी स्कूल के दिनों में शुरू में फुटबॉल खेलते थे। उन्होंने कब और कैसे क्रिकेट की ओर कदम बढ़ाया? उ. धोनी पहले फुटबॉल टीम मे गोलकीपर की भूमिका निभाते थे। अपने फुटबॉल टीम कोच की प्रेरणा से उन्होंने क्रिकेट की ओर कदम बढ़ाया फिर क्या था. दसवी कक्षा के बाद ये पूरी तरह क्रिकेट के हो गए और देखते ही देखते उनकी गिनती रोंची के उच्छे विकेट कीपरों में होने लगी। 3. धोनी को कैप्टन कूल क्यों कहा जाता है? उ. धोनी शांतचित्त व मितभाषी है प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उनकी भाषा संयत रहती है। ये विवादों से स्वयं को दूर रखते हैं। इसलिए उन्हें कैप्टन कूल' कहा जाता है। 4. धोनी में एक अच्छे कप्तान के कौन-कौन से गुण है? लिखिए। उ. धोनी में एक अच्छे कप्तान के सभी गुण है

Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 11 शल्य-चिकित्सा के प्रवर्तक : सुश्रुत Solutions

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We need some donation to sustain this website in running condition. Please support us so that we can upgrade more features and can provide free education continuously. By: Team, Chandan Kr Verma अध्याय - 11 : शल्य-चिकित्सा के प्रवर्तक : सुश्रुत 1. लेखक ने वाराणसी का क्या महत्व बताया है? उ. लेखक ने वाराणसी को भारत का ऐसा प्राचीन नगरी कहा है जहाँ लगभग 2500 वर्ष पहले गंगा के तट के समीप एक ऐसी पाठशाला थी जहाँ आयुर्वेद की शिक्षा दी जाती थी। दूर-दूर से विद्यार्थी यहाँ आते और शल्य-चिकित्सा का ज्ञान प्राप्त करते थे। 2. 'सुश्रुत-सहिंता' क्या है? संक्षेप में परिचय दीजिए। उ. आचार्य सुश्रुत द्वारा रचित 'सुश्रुत संहिता’ चिकित्सा ग्रंथ आयुर्वेद का एक महान ग्रंथ है, जिससे हमें शल्य-चिकित्सा की विशद जानकारी मिलती है। इसमें कुल मिलाकर 120 अध्याय हैं और इन्हें छह भागों में बाँटा गया है- सूत्रस्थान, निदानस्थान, शरीरस्थान, चिकित्सास्थान, कल्पस्थान और उत्तरस्थान । 'सुश्रुत संहिता' में शल्य-चिकित्सा की विधियों और उसमें काम आनेवाले यंत्रों तथा शास्त्रों के बार

Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 10 झारखंड-सुषमा Solutions

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We need some donation to sustain this website in running condition. Please support us so that we can upgrade more features and can provide free education continuously. By: Team, Chandan Kr Verma अध्याय - 10 : झारखंड-सुषमा 1. झारखण्ड में कौन-कौन सी खनिज संपदाएँ ज्यादा मात्रा में उपलब्ध हैं? उ. झारखण्ड में कोयला, लोहा, बॉक्साइट, अभरक, चूना पत्थर, ताँबा आदि खनिज संपदाएँ ज्यादा मात्रा में उपलब्ध हैं। 2. बिरसा और सिदो-कान्हू जैसे महापुरुषों कों झारखण्ड अवतार क्यों कहा गया है? उ. बिरसा और सिदो-कान्हू जैसे महापुरुषों कों झारखण्ड अवतार इसलिए कहा गया है क्योंकि इनके द्वारा ही वास्तव में झारखंड को पहचान प्रदान की गई थी। 3. आपकी समझ में कवि ने ऐसा क्यों कहा है कि सरहुल, करमा, टुसू में हमारे घर मंदिर बन जाते हैं? उ. कवि का कहना है कि सरहुल, करमा, टुसू पर्व आदि में हमारे घर मंदिर बन जाते हैं। इसका कारण यह है कि जिस प्रकार प्रत्येक मंदिर में भगवान का निवास समझकर पूजा की जाती है, उसी प्रकार झारखंड के प्रत्येक घर में इन पर्वों में पूजा-पाठ, व्रत-उपवास आदि होते

Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 9 मानवीय रिश्ता Solutions

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We need some donation to sustain this website in running condition. Please support us so that we can upgrade more features and can provide free education continuously. By: Team, Chandan Kr Verma अध्याय - 9 : मानवीय रिश्ता 1. अक्ली बुआ को देहाती भाषा में लोगों द्वारा ‘पढ़ी' नहीं 'कढ़ी' और 'अनुभवी' कहने का क्या कारण था? उ. अक्ली बुआ को देहाती भाषा में लोगों द्वारा ‘पढ़ी' नहीं 'कढ़ी' और 'अनुभवी' कहने का कारण था कि औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं करने के बावजूद अपने वैद्य पिता व विद्वान पति के संगत से उन्हें संसारिक ज्ञान बहुत अच्छा प्राप्त हो गया था। 2. “जो पंडित जी के पतरा, वह पंडिताइन के अँचरा।" अक्ली बुआ पंडित जी को आवेश में ऐसा क्यों कहती थीं? उ. ''जो पंडित जी के पतरा, वह पंडिताइन के अँचरा।" अक्ली बुआ पंडित जी को आवेश में ऐसा कहती थीं क्योंकि उन्हें संसारिक ज्ञान का अच्छा अनुभव प्राप्त हो गया था और इस प्रकार वे पंडित जी से कम विद्वान नहीं थीं। 3. पंडित जी की मृत्यु के बाद, अक्ली बुआ का काम क्या थ

Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 8 बूढ़ा बैल और सियार Solutions

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We need some donation to sustain this website in running condition. Please support us so that we can upgrade more features and can provide free education continuously. By: Team, Chandan Kr Verma अध्याय - 8: बूढ़ा बैल और सियार 1. जब बैल बूढ़ा हो गया तो उसका मालिक उसे जंगल में छोड़ आया।" क्या किसान को ऐसा करना चाहिए था? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दें। उ. 'जब बैल बूढ़ा हो गया तो उसका मालिक उसे जंगल में छोड़ आया।" किसान को ऐसा नहीं करना चाहिए था। क्योंकि उस बैल ने जीवन भर कड़ी मेहनत करके किसान को खेती करने में मदद की थी। उस पशु पर किसान को दया आनी चाहिए थी और जीवन भर उसका पालन-पोषण करना चाहिए था। साथ ही वह बैल बहुत समझदार भी था. वह किसान की किसी न किसी तरह मदद अवश्य करता रहता। 2. बैल ने गुफा को अपने लिए उपयुक्त क्यों समझा ? उ. बैल ने गुफा को अपने लिए उपयुक्त इसलिए समझा क्योंकि गुफा के पास ही एक तालाब था। वहाँ ढेर सारी घास तथा जंगली पौधे भी थे बैल के लिए वहाँ रहने के साथ-साथ भोजन-पानी एवं सुरक्षा की भी पूरी व्यवस्था थी। 3. जंगल में बैल का स

Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 7 दोहे Solutions

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We need some donation to sustain this website in running condition. Please support us so that we can upgrade more features and can provide free education continuously. By: Team, Chandan Kr Verma अध्याय - 7: दोहे 1. 'माला फेरत युग भया, मिटा न मन का फेर. कर का मनका छाडि कै मन का मनका फेर।' इस दोहे का भाव स्पष्ट कीजिए। उ. प्रस्तुत दोहे का तात्पर्य यह है कि ईश्वर की प्राप्ति के लिए उनके नाम की माला फेरते-फेरते युग बीत जाते हैं किंतु मन में व्याप्त इच्छा, लालसा, अभिलाषा, माया, मोह आदि समाप्त नहीं होते। ऐसे ईश्वर का नाम लेने से क्या लाभ? उचित तो यह है कि अपने मन में व्याप्त विकारों को दूर करने का प्रयास किया जाए। 2. कवि वृंद के अनुसार भले-बुरे की पहचान कब होती है? उ. कवि वृंद के अनुसार भले-बुरे की पहचान समय आने पर उनके कार्यों से होती है।  3. रहीम ने अपने दोहे में ऐसा क्यों कहा है कि किसी से कुछ नहीं माँगना चाहिए ? उ. रहीम के अनुसार व्यक्ति को किसी से कुछ नहीं माँगना चाहिए, क्योंकि माँगने से व्यक्ति की इज्जत, आदर और स्नेह समाप्त हो जाते हैं।

Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 6 झारखंड के वाद्य यंत्र Solutions

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We need some donation to sustain this website in running condition. Please support us so that we can upgrade more features and can provide free education continuously. By: Team, Chandan Kr Verma अध्याय - 6 : झारखंड के वाद्य यंत्र 1. झारखंड के लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए तीव्र ध्वनि वाले वाद्य यंत्रों की आवश्यकता क्यों पडती थी? उ. झारखंड के लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए तीव्र ध्वनि वाले वाद्य यंत्रों की आवश्यकता भयानक जानवरों से रक्षा के लिए पडती थी। वे तीव्र ध्वनि उत्पादक वाद्य यंत्रों की तेज आवाज के कारण गाँव में प्रवेश करने की हिम्मत नहीं करते थे। 2. सांस्कृतिक कार्यक्रम में वाद्य यंत्रों के महत्त्व के बारे में बताइए। उ. सांस्कृतिक कार्यक्रमों में वाद्य यंत्रों की गूंज कानों में मधु घोलती प्रतीत होती है। अखरा में बजते नगाड़े और माँदर की ताल, बाँसुरी की तान, बनम, केंदरा, टोहिला आदि की सुरीली ध्वनि सुनते ही रसिकों के मन मचलने लगते हैं, हृदय की धड़कने तेज हो जाती हैं, पाँव थिरकने को व्याकुल हो जाते हैं। विविध वाद्य-यंत्र लोगों को उत्साह, उमंग, उल्लास एवं आनंद में ड

Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 5 ऐसे-ऐसे Solutions

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We need some donation to sustain this website in running condition. Please support us so that we can upgrade more features and can provide free education continuously. By: Team, Chandan Kr Verma अध्याय - 5 : ऐसे-ऐसे 1. मोहन की माता जी की परेशानी का क्या कारण था? उ. मोहन की माता जी की परेशानी का कारण यह था कि मोहन को अचानक पेट-दर्द हो रहा था और उसके कारण का पता नहीं चल पा रहा था। 2. वैद्य जी ने 'ऐसे-ऐसे' होने का क्या कारण बताया? उ. वैद्य जी ने 'ऐसे-ऐसे' होने का कारण कब्ज बताया। 3. डॉक्टर साहब ने 'ऐसे-ऐसे' का मतलब क्या निकाला? उ. डॉक्टर साहब ने 'ऐसे-ऐसे' का मतलब कब्ज और बदहजमी के कारण वायु का रुक जाना बताया। 4. 'ऐसे-ऐसे' लगने का वास्तविक कारण क्या था? उ. मोहन के 'ऐसे-ऐसे' लगने का वास्तविक कारण महीने भर मौज करना और स्कूल के काम पर ध्यान न देना था जिसके फलस्वरूप स्कूल में डाँट पड़ने की संभावना थी। 5. मास्टर साहब ने मोहन को कैसे ठीक किया? उ. मास्टर साहब ने मोहन की बीमारी को ठीक करने

Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 4 आओ लिख लें नई कहानी Solutions

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We need some donation to sustain this website in running condition. Please support us so that we can upgrade more features and can provide free education continuously. By: Team, Chandan Kr Verma अध्याय - 4 : आओ लिख लें नई कहानी 1. इस कविता में बेटी-युग से कवि का तात्पर्य है? कवि को इसकी आवश्यकता क्यों महसूस हुई? उ. इस कविता में 'बेटी युग' से कवि का तात्पर्य इस युग में बेटी के महत्व को पहचान कर सम्मान देने से है। ताकि बेटा और बेटी के बीच भेदभाव मिट जाए और दोनों को विकास का समान अवसर मिल सके। 2. आपकी समझ से हम सब मिलकर कैसा इतिहास गढ़ेंगे? उ. हम सब मिलकर समाज के विकास और अपनी सफलता का इतिहास गढ़ेंगे। 3. 'बेटी-युग’ को ‘सम्मान–पर्व', 'पुण्य–पर्व' तथा 'ज्ञान पर्व' क्यों कहा गया है? उ. 'बेटी-युग' को 'सम्मान-पर्व', 'पुण्य-पर्व' तथा 'ज्ञान पर्व' इसलिए कहा गया है ताकि बेटियों के प्रति सम्मान का भाव ला पाएँ। उनकी वर्तमान स्थिति से उनको सम्मान की स्थिति तक पहुँचाना पुण्य पर्व है तथा समाज की आ

Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 3 भिडंत Solutions

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Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 2 हार की जीत Solutions

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Jcert Class 6 भाषा मंजरी Chapter 1 वीर तुम बढ़े चलो Solutions

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